मुन्सी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता 2018

मुन्सी प्रेमचंद जी की एक सुंदर कविता 2018

_ख्वाहिश नहीं मुझे_ _मशहूर होने की, _आप मुझे पहचानते हो_ _बस इतना ही काफी है._ _अच्छे ने अच्छा और_ _बुरे ने बुरा...